Tulsidal (Part 1 & 2 combined) - Special Edition Hardback (Book)
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Tulsidal (Part 1 & 2 combined) - Special Edition Hardback
तुलसीदल - प्रथम
Hindi
Brahmarshi Pitamaha Patriji
"तुलसीदल" एक ऐसी रचना है जो हमें परमसत्य के परिपूर्ण रूप को समझने में सहायक है। हर इंसान इस सत्य को पाना चाहता है लेकिन उसे मार्ग समझ नहीं आता और इस संसार के असंख्य रास्तों में फँस जाता है। यह पुस्तक उस हर एक इंसान को आत्मजागृति का प्रकाश दिखती है जो सही रूप में अपने जीवन को सार्थक बनाना चाहता है। इस पुस्तक में ब्रह्मर्षी पितामह सुभाष पत्री जी ने हमे हर आध्यत्मिक संज्ञा का अर्थ अत्यंत सरल करते हुए "तुलसीदल" के मत को प्रशस्त किया है। तुलसीदल की शाखा के दो पत्ते - एक है ज्ञानसूत्र जो "तुम अपने वास्तव की खुद ही सृष्टि कर रहे हो" दर्शाता है और दूसरा ध्यानसूत्र "आनापानसति" को। आप भी यह पुस्तक पढ़ें और अपने आध्यात्मिक जीवन में उन्नति करें।
· PRODUCT INFO
o 4.5in by 6in
o 312 pages