Three Lives (थ्री लाइव्स) (Book)
Three Lives (थ्री लाइव्स) (Book)
Three Lives
थ्री लाइव्स
Hindi
T. Lobsang Rampa
Three Lives is book eighteen of nineteen in Lobsang Rampa's spiritual saga. (Originally published in 1970) The eighteenth and penultimate book in the Rampa saga, ‘Three Lives’ is exactly what it claims to be. It is the story of three different lives led by three different people, what they perceive as death because of their beliefs, and how they delay their own spiritual progress. We follow each life and see where the journey takes these souls and how they all finally terminate at the same place. All humans come from the same place and when the physical body dies, we go back to the same place; albeit many take a scenic route rather than the direct path. This book shows the reader the true meaning of Law of Choice and shows how one can shorten or prolong their spiritual learning as per their own free will.
लोबसांग राम्पा की आध्यात्मिक गाथा में “थ्री लाइव्स”, उन्नीस किताबों में से अठारह नंबर पर है। (मूल रूप से १९७० में प्रकाशित।) राम्पा गाथा की अठारहवीं और अंतिम पुस्तक, 'थ्री लाइव्स' ठीक वैसी ही है जैसी वह होने का दावा करती है। यह तीन अलग-अलग लोगों के जीवन की कहानी है, जिसे वे अपनी मान्यताओं के कारण मृत्यु के पश्चात अलग-अलग रूप में देखते हैं, और अपनी आध्यात्मिक प्रगति में देरी करते हैं। हम प्रत्येक जीवन का अनुसरण करते हैं और देखते हैं कि यात्रा इन आत्माओं को कहाँ ले जाती है और वे सभी एक ही स्थान पर कैसे समाप्त होती हैं। सभी मनुष्य एक ही स्थान से आते हैं और जब भौतिक शरीर मर जाता है, तो हम वापस उसी स्थान पर चले जाते हैं। यह पुस्तक पाठक को “ला ऑफ चॉइस” का सही अर्थ दिखाती है और दिखाती है कि कैसे कोई अपनी स्वतंत्र इच्छा के अनुसार अपनी आध्यात्मिक शिक्षा को छोटा या लम्बा कर सकता है।
· PRODUCT INFO
o 5in by 8in
o First Edition
o 248 pages
o ISBN 978-9392842962